मेरा उत्तराखंड
जैसे जन्नत में हों, कई शादियाँ लगती हैं,
ऐसी देवभूमि की, वादियाँ लगती हैं.
पर्वतों से हौसले और सादगी फूलों की तरह,
ये उत्तराखंड की आबादियाँ लगती हैं.
वो जलेबी सी सड़क, तेज हवा, बारिश का नज़ारा,
कभी कभी कुदरत की बरबादियाँ लगती हैं.
यहाँ के लोग बड़े सीधे, सरल होते हैं,
आज के दौर में ये नादानियाँ लगती हैं.
(श्याम तिरुवा)
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