ये कैसा रिश्ता.....
समाज ने उसे...
जाने क्या क्या कहा..
उसने आंसू बहाए..
मगर सब चुपचाप सहा.
उसका गुनाह ये था..
कि ''किसीने'' ने उसे..
प्रेम से..
लालच से..
या इस्तेमाल करके...
नाजायज तरीके से..
''माँ'' बना डाला था.
ममता भला बुरा थोड़े जानती है..
उसने अपने बच्चे को..
पाला..
पोसा..
बड़ा किया..
मगर चुप रही.
एक दिन बच्चे ने पूछ लिया..
मेरा बाप कौन है..???
वो चुप रही..
बच्चे ने फिर पूछा..
मेरा बाप कौन है..???
कितना छुपाती..
उसने सच बोल दिया..
वर्षों से दबाया राज..
खोल दिया..
अब बच्चे की बारी थी..
उसने ऊँगली दिखा के..
बार-बार कहा...
तू मेरा बाप है...!!!
तू मेरा बाप है...!!!
बेटे कि आवाज में जोश है..
पर न जाने क्यों...
"एन. डी. तिवारी" खामोश हैं.
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