भ्रष्ट बनो....!!!!!
जब "ऑनेस्टी" पे कोई नहीं करता ट्रस्ट सुनो...

तो भ्रष्ट बनो.....!!!
"ऑनेस्टी" में जब तक तुम थे लगे रहे ...
कभी ''इधर'' तो कभी ''उधर'' बस पड़े रहे.
मेहनत और लगन से तुमने काम किया..
पर ''boss'' को ''खुश'' करने में तुम नाकाम रहे .
जब तुमपे नहीं किसीका है ''interest'' सुनो ....
तो भ्रष्ट बनो .....!!!
हर कोई मेहनत से सर्विस पाता है ...
"ऑनेस्टी" से काम पे वो लग जाता है ...
पर माहौल बदल देता है उसको भी ..
और ''system ka part'' वही बन जाता है ..
ऐसे में जब, कोई नहीं उत्कृष्ट सुनो ...
तो भ्रष्ट बनो .....!!!
खुद चाहे तुम कितने भी "ऑनेस्ट" रहो..
काम में अपने कितने भी परफेक्ट रहो ..
पर सोचो क्या इसका "credit" पाया है ..??
बिन ''जुगाड़'' के काम कोई बन पाया है ..
इसीलिए करता मैं ये स्पष्ट सुनो ..
तो भ्रष्ट बनो ....!!!
झूठ नहीं, मैं अपना अनुभव बोल रहा...
बंधी हुई आँखों पे पट्टी खोल रहा ...
जब system की कदुई ये सच्चाई है ...
तो भ्रष्टाचार की क्यों देते दुहाई है ..
सच्चाई को कर लो तुम Accept सुनो..
पर भ्रष्ट नहीं ..तुम BEST बनो .